मानव रहित वायुयान जिसे लोग आमतौर पर ड्रोन के नाम से जानते है. आज के समय में ड्रोन कई तरह से मददगार साबित हो रहे है. ड्रोन का इस्तेमाल सुरक्षा, एग्रीकल्चर, ई-कॉमर्स, मौसम विज्ञान से लेकर आपदा प्रबंधन तक में किया जा रहा है. इसके आलावा और भी कई कामों में ड्रोन मददगार साबित होते रहे है. विकास कार्यों की निगरानी हो या संकटग्रस्त क्षेत्रों का दौरा ड्रोन की मदद से समय और पैसे दोनों की बचत हो पाती है.
इसके साथ ही ड्रोन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से मानवीय जोखिम को कम करने का काम भी कर रहे है. आप ने भी कई बार ड्रोन को उड़ते हुए तो देखा ही होगा. लेकिन अब ड्रोन उड़ना इतना आसन नहीं रहेगा.
दरअसल इंटीग्रेशन विजार्ड्स सॉल्यूशन के सीईओ कुणाल किसलय ने ड्रोन उड़ाने को लेकर नए नियम और कानून लाने की बात कही है जिससे ड्रोन के मालिक, उसका रूट और उसके द्वारा इक्कठा की गई जानकारी के बारे में पता लगाया जा सके. नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने ड्रोन नियम 2021 को तैयार किया है.
ड्रोन नियम 2021: ड्रोन उड़ाने के लिए फॉलो करने होगे यह नियम
ड्रोन 2021 के तहत बने नए नियम नौसेना, थल सेना या वायु सेना पर लागू नहीं होंगे, इन्हें छोड़कर अन्य सभी ड्रोन को उड़न भरने के लिए इन नियमों का पालन करना होगा.
सभी ड्रोन को डिजिटल तौर पर पंजीकृत कराना अनिवार्य होगा. ड्रोन की उपस्थिति और उनकी उड़ान के बारे में पूरी सूचना देना होगा.
ड्रोन मालिक अपने ड्रोन में 250 ग्राम या इससे कम वजन वाले नैनो उपकरण लगा सकेंगे साथ ही 250 ग्राम से 2 किलोग्राम तक के माइक्रो उपकरण लगा सकते है.
वहीं ड्रोन के वजन को लेकर बताया गया है कि छोटे ड्रोन में 2 किलोग्राम से 25 किलोग्राम वजन रहेगा और माध्यम ड्रोन में 25 किलोग्राम से 150 किलोग्राम तक का वजन होगा. साथ ही बड़े ड्रोन 150 किलोग्राम से 500 किलोग्राम के वजन हो सकेंगे. वहीं 500 किलोग्राम से अधिक वजन वाले ड्रोन को 1937 के नियमों का पालन करेंगे.
ड्रोन उड़ाने के लिए किसी संस्थान या व्यक्ति को योग्यता का प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा. हर ड्रोन का एक विशिष्ट पहचान संख्या (UIN) होगा.
इसके आलावा ड्रोन को अभी की तरह कहीं भी नहीं उड़ाया जा सकेगा. इसके लिए एक इंटरेक्टिव एयरस्पेस मैप डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर दिया जाएगा जिसमें तय जोन की जानकारी दी जाएगी. ग्रीन जोन सुरक्षित एयरस्पेस होगें. येलो जोन में दायरे तय किये जाएगे जबकि रेड जोन में सिर्फ खास परिस्थितियों में काम करने की अनुमति दी जाएगी.
ड्रोन पायलटों के लिए योग्यता मापदंड तय होगें, साथ ही इसके लिए लाइसेंस प्राप्त करना होगा जो 10 साल के लिए वैध होंगे. हालांकि गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए माइक्रो ड्रोन और नैनो ड्रोन के लिए पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी.
लगेगा एक लाख का जुर्माना
वहीं नए नियमों के तहत अगर नियमों की अनदेखी की जाती है तो विमान अधिनियम, 1934 के तहत एक लाख तक का जुर्माना लग सकता है. नए नियम अगस्त 2021 से अधिसूचित मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियमों की जगह लेंगे.