हाल ही में छात्रों द्वारा विरोध सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली परीक्षा और उसने रिजल्ट में लीपापोती के आरोपों के साथ विरोध-प्रदर्शन किया. छात्रों के इस प्रदर्शन के बाद तेजी से बढ़ती बेरोजगारी, छात्रों के बीच व्याप्त हताशा जैसे कई मुद्दे खुलकर सामने आए. देशभर में शिक्षित बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है और इस पर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं. जितनी तेजी से शिक्षितों की संख्या में इजाफ़ा देखने को मिल रहा है जितना इजाफ़ा हमें रोजगार के क्षेत्र में देखने को नहीं मिल रहा है.
छात्रों के मुताबिक इसके पीछे की सबसे बड़ी जगह सरकार की बेरुखी है. वहीं सरकारी नौकरियों की बात करें तो बड़ी तादात में छात्र इसकी तैयारी में जुटे हुए है. लेकिन उनके सामने कई समस्याएँ भी है.
वॉट्सऐप युनिवर्सिटी का टॉपर “एबीपी न्यूज़”
छात्रों की मुख्य परेशानी यह है कि सरकारी भर्तियाँ नहीं निकलती है जबकि कई विभागों में हजारों पद खाली पड़े है. वहीं अगर वैकेंसी आती है तो उसकी परीक्षा समय पर नहीं होती.
जैसे-तैसे परीक्षा हो जाती है तो फिर महीनों रिजल्ट के लिए इंतजार करना पड़ता है और इस सबके बीच धांधली के मामले भी सामने आते रहते हैं. कहीं पेपर लीक तो कहीं रिजल्ट में धांधली.
नौकरी पाने की चाहत में छात्रों के कई सालों गुजर जाते है लेकिन उन्हें हाथ लगती है सिर्फ हताशा और निराशा. कई छात्र ऐसे भी होते है जो इस चक्की में बुरी तरफ से पीस कर टूट जाते है तो बिना कुछ सोचे ऐसे कदम उठा लेते हैं जो उन्हें इस दुनिया से दूसरी दुनिया में ले जाते हैं.
साल 2020 में बेरोजगारी से परेशान होकर ख़ु’दकु’शी करने वाले छात्रों की संख्या 3548 रही, यह एक बहुत बड़ा और अंदर तक सहमा देने वाला आंकड़ा है.
लेकिन भारतीय मीडिया इतने गंभीर मुद्दे और आंकड़ों को पेश करने में भी कोई संवेदनशीलता नहीं रखता है और इसका जीता-जगता सबूत इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
सोशल मीडिया पर एक प्रसिद्ध हिंदी न्यूज़ टीवी चैनल एबीपी न्यूज़ की एक खबर का स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो रहा है. इस फोटो में हमें एक ग्राफ देखने को मिल रहा है जो न्यूज़ चैनलों की जिम्मेदारी, जवाबदेही और IQ लेवल पर सवाल खड़े कर रहा है.
इस स्क्रीनशॉट में आप देख सकते है कि एबीपी न्यूज़ ने कुछ आंकडे एक ग्राफ के जरिए पेश किये है. आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी के कारण ख़ु’दकु’शी की संख्या जो साल 2019 में 2851 थी वो बढ़कर 2020 में 3548 हो गए लेकिन ग्राफ में इसे घटा हुआ दिखाया गया है.
यह ग्राफ रुबिका लियाकत द्वारा होस्ट किये जाने वाले एबीपी न्यूज़ के शो मास्टरस्ट्रोक में दिखाया गया था. सोशल मीडिया पर इसे जमकर शेयर किया जा रहा है और एबीपी न्यूज़ और एंकर रुबिका लियाकत को जमकर ट्रोल किया जा रहा है.
अब तक चैनल ने नहीं मानी अपनी गलती
कई लोग तो उन्हें वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी का टॉपर तक करार दे रहे हैं. हम यह मान सकते हैं कि गलती कोई भी कर सकता है, कभी-कभी जाने-अनजाने में, जल्दबाजी में गलती हो जाती है लेकिन उसे गलती तभी कहा जा सकता है जब उसे स्वीकार कर उसे ठीक किया जाए.
In any respectable organisation, anyone making such Graph will be fired. pic.twitter.com/umISe7nWr8
— Joy (@Joydas) January 28, 2022
आपको बता दें कि इस मामले में अब तक ना तो एंकर ने और ना ही चैनल ने अपनी गलती स्वीकार की. जबकि चैनल को अब तक एक माफीनामा जारी कर देना चाहिए था. चैनल जब भी कोई गलती करते है तो उन्हें यही करना होता है.
रुबिका लियाकत को अपने अगले शो में माफ़ी मांगना चाहिए था और चैनल पर माफ़ी की पट्टी भी चलाना चाहिए था. इसके आलावा सोशल मीडिया पर भी अपनी भूल की ज़िम्मेदारी लेना चाहिए था. लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं किया गया. जिससे चैनल की मंशा पर सवाल खड़ा होता है?