भारत सरकार द्वारा खेलों के क्षेत्र में सबसे बड़ा अवार्ड अब तक पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के नाम पर दिया जाता था, जिसका हाल ही में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नाम बदल दिया गया है. केंद्र सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलकर इसे हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया है. अब इस अवार्ड को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड के नाम से दिया जाएगा.
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है. महाराष्ट्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर एक अवॉर्ड लाने का ऐलान किया है. हालांकि महाराष्ट्र सरकार खेल के क्षेत्र में नहीं बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इस अवॉर्ड की शुरुआत कर रही हैं.
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी अवॉर्ड
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महाराष्ट्र सरकार द्वारा यह अवॉर्ड सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वालों को प्रदान किया जाएगा. इसकी जानकारी महाराष्ट्र सरकार के गृह और आईटी राज्य मंत्री सतेज डी पाटिल ने सोशल मीडिया साइट ट्वीटर पर दी है.
उन्होंने एक ट्वीट करके कहा कि महाराष्ट्र सरकार के आईटी राज्य मंत्री के रूप में, मुझे यह ऐलान करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि सूबे की एमवीए सरकार ने 20 अगस्त 2021 को स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के नाम पर एक पुरस्कार देने की घोषणा की है.
साथ ही उन्होंने बताया कि यह अवॉर्ड महाराष्ट्र में आईटी क्षेत्र में उत्कृष्ट संगठनों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदान किया जाएगा. इसके बाद पाटिल ने अपने दुसरे ट्वीट में कहा कि ये अवॉर्ड भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव जी को भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उनके योगदान के लिए एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि होगी.
राजीव गांधी खेल रत्न का बदला गया नाम
आपको बता दें कि जब ओलंपिक में हॉकी टीम ने ब्रांज जीता तो पीएम नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलने का ऐलान किया. उन्होंने इस पुरुस्कार का नाम हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम रखने की घोषणा की थी.
वहीं मोदी सरकार के इस कदम के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल सरकार की आलोचना करते नजर आए. विपक्षी दलों का कहना है कि बीजेपी सरकार ने खेल के बहाने राजनीति करने का प्रयास किया है.
बता दें कि इस मामले को लेकर बीजेपी की पूर्व साथी और महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार की अगुवाई करने वाली शिवसेना ने भी बीजेपी सरकार की तीखी आलोचना की थी.
शिवसेना ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार को राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलने की जरूरत नहीं थी बल्कि उन्हें मेजर ध्यानचंद के नाम पर कोई और बड़ा पुरस्कार लाना चाहिए था.
माना जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र की इस घोषणा के बाद इसकी खानापूर्ति के लिए राजीव गांधी पर अवॉर्ड लाने की घोषणा की है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में उद्दव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की गठबंधन सरकार सत्ता में है.