Karnataka Hijab Row: कर्नाटक में हिजाब विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले महीने ही मांड्या प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की एक मुस्लिम छात्रा को जब युवाओं के झुंड ने घेर लिया था. इसके बाद हिजाब पहने छात्रा को देखकर जोर-जोर से जय श्रीराम के नारे लगाने लगे थे। ग्लैमरस मॉडल को हिजाब पहनने की वजह से पीटा गया
वही छात्रा ने पलटवार करते हुए ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाया था। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ था। जिसे देखते हुए शिवमोग्गा जिला प्राधिकरण द्वारा जारी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर 58 लोगों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 144 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
हिजाब मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला
वही अब इस मामले को लेकर आज कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद से जुड़ी हुई सभी याचिकाएं खारिज कर दी है। HC ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। छात्र स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते।
आपको बता दें कर्नाटक हाईकोर्ट में उडुपी कॉलेज की लड़कियों ने याचिका दायर कर स्कूलों में हिजाब पहनने की इजाजत मांगी थी. कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि छात्र स्कूल ड्रेस पहनने से इनकार नहीं कर सकती है।
इन चार सवालों के आधार पर कोर्ट का आया फैसला
सवाल-1: क्या हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा है? जिसपर फैसला सुनाते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है।
सवाल-2: क्या यूनिफॉर्म पहनने से इनकार करना अधिकारों का उल्लंघन है? इस पर कोर्ट ने कहा- की स्कूल यूनिफॉर्म का प्रिस्क्रिप्शन एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्रों को आपत्ति नहीं कर सकते।
सवाल-3: क्या 5 फरवरी का राज्य सरकार का फैसला अक्षम और स्पष्ट रूप से मनमाना है? कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता ऐसा कुछ तथ्य नहीं पेश कर पाए जिससे कि सरकार ने फैसला मनमाने ढंग से लागू किया है।
सवाल-4: क्या कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जांच का आदेश देने का कोई मामला बनता है? इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि नहीं ऐसा कोई मामला नहीं बनता।