केरल के रहने वाले फिल्म मेकर अली अकबर ने इस्लाम छोड़ने का ऐलान किया है. अली अकबर ने अपनी पत्नी के साथ इस्लाम मजहब छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का फैसला लिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अली अकबर ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि उनका इस्लाम धर्म से भरोसा उठ गया है और उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई है.
रिपोर्ट के अनुसार अली अकबर का कहना है कि उन्होंने ये फैसला इसलिए किया क्योंकि कई मुस्लिम यूजर्स ने CDS जनरल बिपिन रावत के निध’न दे जुडी पोस्ट पर कमेंट करते हुए स्माइली पोस्ट की थी.
जनरल बिपिन रावत का हवाला देकर छोड़ा इस्लाम
अली अकबर ने कहा कि वो इससे बेहद दुखी है और दुःख इस बात का भी है कि मुस्लिम समुदाय से जुड़े जिन लोगों ने सेना के बहादूर अधिकारी का अपमान किया उनका किसी भी बड़े मुस्लिम नेता विरो’ध नहीं किया गया.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अली अकबर ने वीडियो में कहा है कि जन्म के साथ मिले चोले को उतार कर फेंक रहा हूं. अब से मैं मुसलमान नहीं हूं. मैं एक भारतीय हूं. मेरा यह मैसेज ऐसे लोगों के लिए है जो भारत के खिलाफ हंसते हुए स्माइली पोस्ट करते है.
इस वीडियो पोस्ट को लेकर अकबर अली की कई लोगों ने आलोचना की. कई लोग उन पर अभद्र भाषा का उपयोग करते नजर आए, जिस पर अली अकबर भी उन्हें कमेंट में अ’भद्र भाषा में जवाब देते दिखे. कई लोग उनका समर्थन करते हुए दिखें. हालांकि बाद में यह पोस्ट फेसबुक से डिलीट हो गया.
अली अकबर ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि जनरल बिपिन रावत के निध’न की खबर पर हंसने वाली इमोजी देने वाले अधिकतर लोग मुस्लिम थे. उन्होंने इसलिए ऐसा किया, क्योंकि जनरल रावत ने पाकिस्तान और कश्मीर में आतं’कवा’द को लेकर कड़े फैसले लिए.
बीजेपी की राज्य कमिटी के रह चुके सदस्य
इस तरह की पोस्ट देखकर जिनमें देश के बहादुर अधिकारी का अप’मान हो रहा है, किसी भी बड़े मुस्लिम नेता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. उनका विरो’ध नहीं किया. मैं ऐसे धर्म का हिस्सा बनकर नहीं रहना चाहता हूं.
उन्होंने कहा कि वो अपनी पत्नी के साथ सनातन हिंदू धर्म कबूल करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि वो अपनी दो बेटियों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव नहीं बनाएंगे वो अपने फैसले करने के लिए स्वतंत्र हैं.
आपको बता दें कि अली अकबर बीजेपी की राज्य कमिटी के सदस्य रह चुके है. इसी साल अक्टूबर में उन्होंने पार्टी नेतृत्व के साथ असहमतियों के चलते पार्टी छोड़ दी थी. अली अकबर ने साल 2015 में बताया था कि मदरसा में पढाई के दौरान उनके साथ यौ’न शोषण हुआ था.