को’रोना महामा’री और अर्थव्यवस्था को लेकर प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी बात कहीं है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना से झटका खाई भारतीय अर्थव्यवस्था के वापस पटरी पर लौटने की रफ्तार पर संतोष जाहिर किया. सुरत में वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिए एक कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेजी से वापसी की है जिससे पूरा विश्व भारत की तरह आशा भरी नजर से देख रहा है.
अपने वर्चुअल संबोधन में पीएम ने कहा कि अभी हाल ही में एक इंटरनेशनल संस्था ने कहा कि भारत विश्व की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली इकॉनोमी बनने जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि हमें सरदार पटेल का अनुसरण करना होगा जिनका कहना था कि जातियां और सम्प्रदाय विकास में बाधक नहीं होने चाहिए.
तेजी से ग्रोथ कर रही इकोनॉमी- पीएम
शुक्रवार यानी विजयादशमी के मौके पर पीएम मोदी ने देश को 7 नई रक्षा कंपनियां सौंपीं जिन्हें ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड की जगह बनाया गया है. उन्होंने कहा कि 7 नई कंपनियों की यह शुरुआत भारत की 41 ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ को नया स्वरूप देने की हमारी सरकार की संकल्प यात्रा का हिस्सा है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि यह पिछले 15-20 साल से अटका हुआ था जिसे अब जाकर साकार किया जा सका. मुझे विश्वास है कि यह सभी सात कंपनियाँ आने वाले वक्त में देश सैन्य ताकत का एक बड़ा आधार बनेगी.
पीएम ने कहा कि भारत ने इस साल अपनी आजादी के 75वें साल की शुरुआत की है. इस दौरान देश नए भविष्य के लिए नए संकल्प ले रहा है और जो देशहित के काम दशकों से अटके हुए थे उन्हें पूरा करके देश के विकास को रफ्तार दे रहा है.
पिछली सरकारों ने नहीं दिया ध्यान
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व युद्ध के वक्त दुनिया ने भारत की ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ का दम देखा था और सभी हैरान रह गये थे. उस दौर में भी हमारे पास बेहतर संसाधन मौजूद थे. वर्ल्ड क्लास स्किल होता था.
उन्होंने कहा कि देश के आजाद होने के बाद हमें प्राथमिक जरूरत थी कि इन फैक्ट्रीज़ को upgrade किया जाता और न्यू एज टेक्नोलॉजी को अपनाया जाता, लेकिन दुखद है कि इस पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया.
इस दौरान पीएम मोदी ने अपने ड्रीम प्रजोक्ट आत्मनिर्भर भारत अभिनयान का जिक्र करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत का लक्ष्य अपने दम पर दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य ताकत बनाने का है.
इसका उद्देश्य देश में आधुनिक सैन्य इंडस्ट्री का विकास है. पिछले सात सालों में देश ने अपने इस संकल्प के साथ मेक इन इंडिया के मंत्र के तहत अपनी विकास यात्रा को आगे बढ़ाने का काम किया है.