उत्तर प्रदेश: सूबे के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कई नेताओं ने एक पार्टी को छोड़कर दूसरे पार्टी का साथ चुना. कई बड़े और जमीन स्तर पर दबदबा रखने वाले नेताओं ने एक पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी का दामन थामा लेकिन परिणामों में इनमें से ज्यादातर नेताओं को निराशा हाथ लगी. इस बार विधानसभा चुनाव 2022 से पहले 21 बड़े नेताओं ने अपना दल बदला. लेकिन इनमें से सिर्फ चार नेताओं का ही जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल हुई.
दल बदल कर 9 नेताओं ने बीजेपी के टिकट पर, 10 नेताओं ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर अपनी किस्मत अजमाई. इसके अलावा अपना दल (सोनलाल) और विकास इंसान पार्टी (VIP) के टिकट पर भी 2 नेता चुनावी मैदान में उतरे थे.
दल बदल कर हार का मुंह देखने वाले इन नेताओं की लिस्ट में स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं. यह दोनों ही नेता भाजपा की सरकार में मंत्री थे, उन्होंने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा देकर सपा का दामन थामा था लेकिन दोनों ही नेताओं को हार का सामना करना पड़ा.
भाजपा के टिकट पर चुनाव हारने वाले नेता
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दूसरी पार्टियां छोड़ भाजपा का दामन थामने वालों ने नेताओं में बेहट से नरेश सैनी, हरचंदपुर से राकेश सिंह, सादाबाद से रामवीर उपाध्याय, सगड़ी से वंदना सिंह, सिरसागंज से हरिओम यादव और सैदपुर से सुभाष पासी को हार का सामना करना पड़ा.
सपा में शामिल होकर हारने वाले दलबदलू नेता
दलबदल कर सपा जॉइन करने वाले स्वामी जी राम प्रसाद मौर्य फाजिलनगर से, धर्म सिंह सैनी नकुड़ से, बृजेश प्रजापति तिंदवारी सीट से, विनय शंकर त्रिपाठी चिल्लूपार से, माधुरी वर्मा नानपार से, सुप्रिया ऐरन बरेली कैंट से, भगवती सागर घाटमपुर से, दिग्विजय नारायण खलीलाबाद से और रोशन लाल वर्मा तिहर से चुनाव लड़े और हार का सामना किया.
इसके अलावा कांग्रेस छोड़ रामपुर स्वार सीट से बीजेपी गठबंधन पार्टी अपना घर (एस) से चुनाव लड़ने वाले नवाब परिवार के हैदर अली खान को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा.
वही भाजपा छोड़ विकासशील इंसान पार्टी से बैरिया विधानसभा से मैदान में उतरे सुरेंद्र सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा.
जीत दर्ज करने वाले दिग्गज
वही दल बदल कर जीत हासिल करने वाले नेताओं की बात करें तो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाली अदिति सिंह को रायबरेली सदर सीट से जीत हासिल हुई.
इसके अलावा पुरवा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अनिल कुमार और पडरौना से चुनाव लडे मनीष कुमार को भी जीत मिली. वही योगी सरकार में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान बीजेपी छोड़ सपा के टिकट से घोसी से चुनाव लड़े और उन्हें जीत हासिल हुई.