उत्तर प्रदेश बीजेपी (UP BJP) में इस्तीफों को लेकर मची खलबली थमने का नाम ही नहीं ले रही है. एक के बाद एक लगातार मौजूदा विधायकों के पार्टी से इस्तीफे होते ही जा रहे है. बीजेपी के मौजूदा विधायक पार्टी छोड़ दूसरी पार्टियों की तरफ जा रहे है. ऐसे में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है, भाजपा डैमेज कंट्रोल करने में लगी हुई है लेकिन डैमेज लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
विधानसभा चुनावों से ठीक पहले अब एक और बीजेपी विधायक ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. जहां पिछले 48 घंटों से ओबीसी विधायक बीजेपी से पलायन कर रहे थे, वहीं अब ब्राह्मण खेमें भी हलचल मच गई है.
बाला प्रसाद ने चुनाव से ठीक पहले बदला पाला
गुरुवार को बीजेपी से चौथा जबकि अब तक का 10वां इस्तीफा हुआ है. योगी सरकार में आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी, औरया से बिधूना विधायक विनय शाक्य, शिकोहाबाद से विधायक मुकेश वर्मा और लखीमपुर खीरी से विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया.

लखीमपुर खीरी के धौरहरा से बीजेपी के विधायक बाला प्रसाद अवस्थी (Bala Prasad Awasthi) ने बीजेपी छोड़ दी है. बताया जा रहा है कि बाला प्रसाद अखिलेश की साइकिल पर सवार हो सकते है. बाला प्रसाद सपा विधायक मनोज पांडेय के संपर्क में बने हुए थे.
खबरों के अनुसार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उनकी सपा में एंट्री कराने वाले है. विधायक बाला प्रसाद अवस्थी जमीनी नेता और एक किसान रहे है. उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति शुरू कर दी थी.
बाला प्रसाद एक बार बीएसपी तो इस बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट से विधायक चुने गए है. धरौहरा चुनावी क्षेत्र की बात करें तो यह पहले शाहाबाद लोकसभा के अंतर्गत आता है लेकिन 2008 के नए परिसीमन के बाद धौरहरा लोकसभा क्षेत्र में सम्मिलित हो गया.
यह विधानसभा जिले की अति पिछड़े क्षेत्र के रूप में गिनी जाती है, इस इलाको को गांजर क्षेत्र भी कहते है. दरअसल यह क्षेत्र शारदा नदी की बाढ़ की से प्रभावित रहता है. यहां स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, शुद्ध पेयजल लोगो के बीच मुख्य समस्या है.
बीजेपी को लग रहे एक के बाद एक झट’के
धौरहरा विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण, दलित, मुस्लिम आबादी अधिक है, हालांकि कुर्मी भी अच्छा-खासा वोट बैंक है. लेकिन ब्राह्मण और दलित मुस्लिम वोटर ही यहां राजनीतिक समीकरण तय करते है.
बाला प्रसाद अवस्थी ने 2017 के चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी का साथ छोड़ते हुए बीजेपी का दामन थामा था. उन्होंने बीजेपी के टिकट से चुनावी मैदान में उतरते हुए सपा के प्रत्याशी यशपाल चौधरी को करीबी अंतर से हराया था.
वहीं इससे पहले यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी बीजेपी से इस्तीफ़ा दे चुके है. इसके आलावा मंत्री धर्म सिंह सैनी, विधायक मुकेश वर्मा और विधायक विनय शाक्य ने भी गुरुवार को ही इस्तीफ़ा दिया है. जबकि दारा सिंह चौहान, बृजेश प्रजापति और भगवती सागर भी पार्टी को अपना इस्तीफ़ा सौंप चुके है.