वसीम रिज़वी, देश का शायद ही कोई ऐसा मुसलमान होगा जो इस नाम को नहीं जानता होगा. उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित चेहरों में शामिल रहे ‘वसीम रिजवी’ ने आज इस्लाम धर्म को छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया है. आपको बता दें वसीम रिजवी लगातार पिछले कई महीनों से इस्लाम विरोधी गतिविधियां करते नज़र आ रहे थे, जिसकी वजह से उलेमाओं ने वसीम रिजवी के खिलाफ फ’तवा जारी कर दिया था और इतना ही नहीं उन्हें इस्लाम से खारिज भी करने का फरमान जारी कर दिया था.
ऐसी ही कुछ और भी बातों को लेकर, वसीम रिजवी काफी दिनों से उलेमाओं से नाराज से चल रहे थे. हालाँकि इन्होने सनातन धर्म को अपनाने से पहले ही यह ऐलान कर दिया था, कि अगर मैं म’र जाऊं तो मुझे द’फनाया न जाए, बल्कि मेरा अं’तिम सं’स्कार किया जाए.
‘वसीम रिज़वी’ ने अपनाया सनातन धर्म, अब कहलायेंगे ‘जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी’
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड में पूर्व चेयरमैन रहे वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म को छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया है. वसीम रिज़वी धर्म बदलने के बाद नए नाम ‘जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी’ के नाम से जाने जायेंगे. आपको बता दें कि वसीम रिज़वी को जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि द्वारा सनातन धर्म ग्र’हण कराया फिर इसके बाद वसीम रिज़वी का नया नामकरण भी हुआ.

वसीम रिज़वी ने इसकी जिम्मेदारी डा’स’ना देवी के महंत यति नरसिंहानंद को यह जिम्मेदारी दी हुयी है. ऐसा करने का के पीछे भी एक कारण है. पिछले कुछ महीनों पहले जब वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद मु’स्लिम समाज द्वारा एलान किया गया था कि वसीम रिज़वी को देश के किसी भी क’ब्रिस्तान में जगह नहीं दी जाएगी.
रिज़वी बताते हैं की हर जुमे के दिन हमारे सर पर इनाम बढ़ा दिया जाता है, और जब मुझे इस्लाम से पहले ही निकाल दिया गया है तो में सनातन धर्म अपनाने जा रहा हूँ. वैसे भी मुझे खुद को मुसलमान बताते हुए अपने आप में शर्म महसूस होती है, जिसकी वजह से मैंने दूसरे धर्म को अपनाने का फैसला किया है.
कुरान शरीफ़ की 26 आयतें हटाने की मांग की थी
वसीम रिज़वी ने, कुरान शरीफ की 26 आयतों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, और उन्होंने कुरान शरीफ में से उन सभी 26 आयतों को हटाने की मांग की थी. हालांकि अदालत में इसको लेकर सुनवाई भी हुई थी, लेकिन पहली सुनवाई में ही उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था.

मुसलमानों की सबसे पवित्र और धार्मिक किताब की बेअदबी करने के चलते, वसीम रिजवी देशभर के मुस्लि’म समाज के निशा’ने पर आ गए थे. चौतरफा उनकी जमकर मुखा’लफत की जा रही थी, क्योंकि उन्होंने ऐसा काम कर दिया था जिसके बारे में, दुनिया का कोई भी मुसलमान कभी सोचने की हिम्म’त तक नहीं कर सकता और ना ही अपने मुंह से कभी ऐसी बात निकाल सकता है.
असदुद्दीन ओवैसी ने वसीम रिज़वी के खिलाफ दर्ज कराई थी
बीते कुछ हफ़्तों पहले, शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ एक एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी जो कि हैदराबाद के ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और बेरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दर्ज करवाई गयी थी. उस दौरान ओवैसी ने ये भी कहा था कि हमें उम्मीद है कि वसीम रिज़वी को इस मामले में जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
‘मोहम्मद’ की वजह से चर्चाओं में रहे हैं वसीम रिजवी
पिछले कुछ दिनों पहले ही वसीम रिजवी ने एक किताब लिखी थी, जिसका नाम है ‘मोहम्मद’. उनकी इस किताब को लेकर भी काफी सियासी हलचल हुयी थी. और तब उस दौरान भी मुस्लि’म समाज समेत कई धर्मगुरुओं ने रिज़वी के खिलाफ ती’खी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि रिजवी ने इस किताब के ज़रिये पैगंबर मुहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी की है.
आपको बता दें, वसीम रिजवी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निवासी हैं. रिज़वी साल 2000 में लखनऊ के एक मोहल्ले कश्मीरी वार्ड से सपा के लिए नगर सेवक के रूप में चुने गए थे. इसके बाद साल 2008 में वसीम को शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की सदस्य्ता मिली फिर आगे कुछ सालों बाद वे शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन बन गए थे.