PM Modi Security Lapse: पंजाब दौरे के लिए गए पीएम मोदी (Prime Minister of India) की सुरक्षा में चूक के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि अगर केंद्र पहले से सब कुछ मान चुका है तो कोर्ट आने का क्या मतलब है? कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस पर आपत्ति जताते हुए इसे वि’रोधाभासी बताया.
सुनवाई के दौरान CJI एम वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पैनल ने केंद्र से पूछा कि अगर केंद्र पहले से कारण नोटिस में सब कुछ तय कर चुकी है तो कोर्ट में आने का क्या मतलब है? आपका यह नोटिस पूरी तरह से विरो’धाभासी है.
जब दो’षी मान चुके हो तो कोर्ट क्यों आए?
कोर्ट ने आगे कहा कि एक तरफ आप राज्य के मुख्य सचिव और डीजी को दोषी मान रहे है और फिर समिति का गठन करके उनसे पूछताछ करना चाहते हैं कि क्या SPG अधिनियम का उल्लंघन हुआ? किसने उन्हें दो’षी ठहराया है? किसने उनकी बात सुनी?
कोर्ट ने कहा कि आपने हमारे आदेश से पहले नोटिस जारी किया. उसके बाद आप कोर्ट आकर कह रहे है कि हम आदेश पारित करें. आप उनसे 24 घंटे में जवाब चाहते है, यह आपसे अपेक्षित नहीं है. आप तो पहले से पूरा मन बनाकर आए हो.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है, अब बात सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुँच चुकी है
कोर्ट ने कहा कि आपकी दलीलें बता रही है कि आप पहले से सब कुछ तय कर चुके है तो फिर आप कोर्ट क्यों आए हो? आप SSP को नोटिस भेजकर उन्हें दोषी बता रहे हैं ये क्या है? बिना उनकी बात सुने आपने उन्हें दोषी कैसे ठहराया?
केंद्र से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं
वहीं सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने केंद्र की कमेटी के प्रति अविश्वास जाहिर किया. राज्य सरकार ने कहा कि उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का मौका तक नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि अगर उनके अफसर दो’षी पाए जाते है तो उन्हें टांग दिया जाए.

पंजाब सरकार के वकील डीएस पटवालिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जांच कमेटी का गठन कर दें तो हम उसका पूरा सहयोग करेंगे लेकिन हमारी सरकार और अधिकारियों पर बिना जांच आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य के अधिकारियों को 7 कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए. हमें केंद्रीय एजेंसी के समक्ष निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं दिया गया. हमें केंद्रीय समिति से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट करेगा जांच कमेटी का गठन
पंजाब सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त कमेटी निष्पक्ष सुनवाई नहीं करेगी. कृपया एक स्वतंत्र समिति का गठन करें और हमें भी अपनी बात रखने का मौका दें.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और पंजाब सरकार दोनों के द्वारा की जा रही जांच को रोकने का आदेश जारी किया है. इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार ने जांच के लिए अपने-अपने पैनल गठित किये थे.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हाई लेवल जांच होगी. उच्चतम न्यायालय सुरक्षा खामियों में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करेगा जो इस मामले की निष्पक्ष जांच करेगी.