टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला गोल्ड मैडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा लगातार सुर्ख़ियों में बने हुए है. नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल करके इतिहास रचा. हरियाणा के रहने वाले नीरज चोपड़ा ने अपने कारनामे से देशवासियों के दिल में अपने लिए खास जगह बना ली है. बता दें कि गोल्ड मैडल हासिल करके नीरज चोपड़ा पहले ऐसे खिलाडी बने है जिन्होंने एथलीट प्रतिस्पर्धा में भारत को अपना पहला मेडल दिलाया है.
वहीं नीरज चोपड़ा ओलंपिक में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले दुसरे भारतीय भी बने है. इससे पहले अभिनव बिंद्रा ने भारत को पहला व्यक्तिगत पदक दिलाया था. ओलंपिक में अपनी शानदार जीत के बाद नीरज चोपड़ा देश के हीरो बन गए और उन्हें पूरा देश बधाई देने में जुट गया.
गोल्डन मेन नीरज
नीरज चोपड़ा जब टोक्यो से सोना जीत कर भारत वापस लौटे तो उनका जोरदार स्वागत भी किया गया. उनकी वतन वापसी के बाद से ही अलग-अलग जगहों के लोग लगातार उनसे मिलने के लिए पहुंच रहे है और उन्हें अपनी इस ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दे रहे है.
इसी बीच बुधवार को कई जिलों के किसान भी उनसे मिलने और उन्हें बधाई देने के लिए पहुंचे. इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन पानीपत के जिलाध्यक्ष सोनू मापुलर भी मौजूद रहे. उन्होंने नीरज की तारीफ करते हुए कहा कि देश के सभी घरों में नीरज जैसा ही बच्चा होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को नीरज से सीख लेनी चाहिए और देश का नाम रोशन करना चाहिए. सोनू मापुलर ने आगे कहा कि नीरज चोपड़ा एक किसान के बेटे है जो बॉर्डर पर देश की रक्षा भी करता है और खेलों में भी देश का नाम रोशन कर रहे हैं.
इस मौके पर टोक्यो ओलंपिक में भालाफेंक में गोल्ड जितने वाले नीरज चोपड़ा के दादा धर्म सिंह ने पोते को बधाई देने आए सभी किसान नेताओं का स्वागत किया. इसके साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत सरकार किसानों की बातों को सुने.
दादा ने किया आंदोलन का समर्थन
उन्होंने कहा कि मैं भी एक किसान परिवार से ताल्लुक रखता हूँ इसलिए चाहता हूँ कि सरकार हम किसानों की बात सुने, आगे सरकार की मर्जी है, क्या पता और क्या सोचकर चल रही हो. इस दौरान उन्होंने किसान आंदोनल का समर्थन करते हुए गया कि वो भी किसानों के साथी है.
इस दौरान उन्धहोंने कहा कि हमें न तो राजनीति में आना है और न ही नीरज चोपड़ा को किसान आंदोलन में लेकर आना है. नीरज चोपड़ा देश का जवान है और सेना में सेवारत है, इसलिए उसे किसान आंदोलन में लेकर नहीं आएगें.