5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के फिरोजपुर में चुनावी रैली के लिए जा रहे थे. कृषि कानून वापसी के बाद यह पहला मौका था जब पीएम पंजाब का दौरा कर रहे थे. रैली के साथ फिरोजपुर में 42 हजार 750 करोड़ की लागत वाली कुछ परियोजनाओं का शिलान्यास भी होना था. लेकिन सुरक्षा में चूक का हवाला देते हुए रैली को अचानक ही रद्द कर दिया गया.
इस मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए है. गृह मंत्रालय ने पीएम की सुरक्षा चूक को लेकर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है तो वहीं कांग्रेस ने बीजेपी और पीएम पर सीटें खाली होने के ड’र से रैली रद्द करने का आरोप लगाया है.
बीजेपी-कांग्रेस सियासी अखाड़े में
ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल है कि आखिर फिरोजपुर में क्या हुआ था? क्या रैली में कुर्सियां सच में खाली थी? इन सवालों के जवाब आसन नहीं है, दरअसल हर कोई अपने-अपने दावे कर रहा है.
बीजेपी इस मामले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है, बीजेपी ने तो इसे कथित तौर पर पीएम को मा’रने की साजिश तक करार दिया है.
पार्टी की युवा विंग के राष्ट्रीय सचिव तेजिंदर सिंह बग्गा ने अपने एक ट्वीट में लिखा कि कांग्रेस पीएम मोदी को मा’रना चाहती थी, लेकिन जिसके साथ सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों का आशीर्वाद हो उसका कौन क्या बिगाड़ सकता है.
वहीं कांग्रेस का आरोप है कि पीएम मोदी रैली में खाली कुर्सियों को देखकर वापस लौटे है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा कि रैली रद्द करने का कारण खाली कुर्सियां थी, यकीन ना हो तो देख सकते है और हां बेतुकी बयानबाज़ी मत कीजिए.
कांग्रेस प्रधानमंत्री @narendramodi ji को मारना चाहती थी, लेकिन जिसके साथ 125 करोड़ हिन्दुस्तानियो का आशीर्वाद हो उसका कौन क्या बिगाड़ेगा #BharatStandsWithModiJi
— I am Modi (@TajinderBagga) January 5, 2022
उन्होंने आगे लिखा कि किसान विरो’धी मानसिकता का सच स्वीकार कर आत्ममंथन कीजिए. पंजाब की जनता ने रैली से दूरी बनाकर अहंकारी सत्ता को आईना दिखाया है.
वहीं पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि कोई खत’रा नहीं था लेकिन फिर भी पीएम की टीम ने लौटने का फैसला लिया. पीएम की रैली में 70 हजार कुर्सियां लगी थी लेकिन सिर्फ 700 लोग ही जुटे. मैं इसमें क्या कर सकता हूं?
क्या सच में खाली पड़ी थी कुर्सियां?
हिंदुस्तान में प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट मुताबिक रैली में सिर्फ 5 हजार लोग जुटे थे, जबकि बीजेपी ने पांच लाख लोगों के पहुंचने का दावा किया था. इसके लिए बीजेपी ने 3 हजार 200 बसों का प्रबंध भी किया था लेकिन इसके बाद भी भीड़ नहीं जुटी.
प्रिय नड्डा जी,
रैली रद्द होने का कारण ख़ाली कुर्सियाँ रहीं।
यक़ीन न हो तो, देख लीजिए 👇और हाँ, बेतुकी बयानबाज़ी नहीं,
किसान विरोधी मानसिकता का सच स्वीकार कीजिए और आत्म मंथन कीजिए ।पंजाब के लोगों ने रैली से दूरी बनाकर अहंकारी सत्ता को आईना दिखा दिया है। pic.twitter.com/jhgrsqOv1t
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 5, 2022
वहीं ट्रिब्यून की खबर के अनुसार बीजेपी को अंदाजा हो गया था कि भीड़ उम्मीद के मुताबिक नहीं जुटने वाली, इसलिए रैली स्थल पर सिर्फ 500 बसों के लिए पार्किंग व्यवस्था की गई थी. इस रिपोर्ट के अनुसार रैली में 65 हजार कुर्सियों में से सिर्फ 5 हजार कुर्सियों पर ही लोग बैठे हुए थे. वहीं कम बसों को लेकर बीजेपी का कहना है कि बसों को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने से रोका गया.

वहीं आजतक के रिपोर्टर अक्षय गलहोत्रा उस वक्त रैली स्थल पर ही मौजूद थे. उन्होंने कहा कि 11 बजे के करीब बारिश शुरू हो गई जिसके चलते कम ही लोग आए. सिर्फ वीआईपी एरिया में ही टैंट लगा हुआ था बाकि पंडाल में लोग बारिश से भीग रहे थे.
इसलिए जो लोग पहले आए भी थे वो बारिश से बचाव का प्रबंध नहीं होने के कारण वापस जाने लगे. जब 12.30 बजे तक बारिश कम हुई तो लोग आने लगे लेकिन इतनी बड़ी तादात में भी नहीं जितनी उम्मीद बीजेपी ने लगाई थी जिसके चलते ज्यादतर कुर्सियां खाली पड़ी रही.